महा सम्मेलन
फल जो बना रहे
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फल जो बना रहे

पवित्र आत्मा द्वारा हमारी विधियों को मुहरबंद करना आवश्यक है यदि हम अनंत काल के लिए प्रतिज्ञा की गई आशीषों को प्राप्त करना चाहते हैं।

युवा अवस्था में मुझे ताजे पके आड़ू पसंद थे। आज भी, रसीले, पके आड़ू का खट्टे स्वाद का विचार मेरे मुंह में पानी भर देता है। जब पूरी तरह से पक्के आड़ू तोड़ लिए जाते हैं, तब वे खराब होने से पहले दो से चार दिन तक टिके रह सकते हैं। मुझे अपनी मां और अपने भाई-बहनों के साथ हमारी रसोई के काम में शामिल होने की सुखद यादें ताजा हैं जब हम आने वाली सर्दियों के लिए कटे हुए आड़ू को बोतलों में बंद करके संरक्षित करते थे। यदि हमने आड़ू को सही ढंग से संरक्षित किया, तो यह स्वादिष्ट फल सिर्फ दो-चार दिन नहीं, बल्कि कई वर्षों तक बना रहता था। यदि ठीक से तैयार और पकाया जाए, तो सील टूटने तक फल सुरक्षित रहता है।

मसीह ने हमें निर्देश दिया कि “जाओ और फल लाओ, …ताकि तुम्हारा फल बना रहे।” लेकिन वह आड़ू के बारे नहीं बोल रहा था। वह परमेश्वर की संतान को मिलने वाली आशीषों के बारे में बोल रहा था। यदि हम परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाते और उनका पालन करते हैं, तो हमारे अनुबंधों से जुड़ी आशीषें इस जीवन के बाद बन रह सकती हैं और हम पर मुहरबंद या हमेशा के लिए संरक्षित की जा सकती हैं, और ऐसे फल बन सकती हैं जो अनंत काल तक बने रहते हैं।

पवित्र आत्मा, प्रतिज्ञा की पवित्र आत्मा के रूप में अपनी दिव्य भूमिका में, प्रत्येक विधि को उन लोगों पर मुहरबंद करेगी जो अपने अनुबंधों के प्रति विश्वासी रहते हैं ताकि यह नश्वरता के बाद बनी रहें यदि हम अनंत काल के लिए प्रतिज्ञा की गई आशीषों को ऐसा फल बनाना चाहते हैं जो बना रहता है, तो पवित्र आत्मा द्वारा हमारी विधियों को मुहरबंद करना आवश्यक है।

यदि हम उत्कर्ष चाहते हैं तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैसा कि अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने सिखाया है, हमें “अंत को ध्यान में रखकर शुरुआत करनी चाहिए। … निश्चित रूप से, हम में से प्रत्येक, ऐसा ‘अंत’ जिसे हम सबसे अधिक पाना चाहते है वह अपने परिवारों के साथ एक उत्कृष्ट स्थिति में हमेशा के लिए रहना है, जहां हम परमेश्वर, हमारे स्वर्गीय पिता और उसके पुत्र यीशु मसीह की उपस्थिति में होंगे।” अध्यक्ष नेल्सन ने यह भी कहा है: “सिलेस्टियल विवाह अनन्त जीवन की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके लिए आवश्यक है कि व्यक्ति का विवाह सही व्यक्ति से, सही जगह पर, सही अधिकार द्वारा किया जाए, और उस पवित्र अनुबंध का विश्वास से पालन किया जाए। तब किसी को परमेश्वर के सिलिस्टियल राज्य में उत्कर्ष का आश्वासन दिया जा सकता है।”

उत्कर्ष की आशीषें क्या हैं? इनमें पति-पत्नी के रूप में अनंत काल तक परमेश्वर की उपस्थिति में रहते हुए, “सिंहासन, राज्य, रियासतें, और शक्तियां, … और हमेशा-हमेशा के लिए वंश की निरंतरता,” प्राप्त करना और वह सब प्राप्त करना जो पिता परमेश्वर के पास है।

प्रभु ने जोसफ स्मिथ के माध्यम से प्रकट किया:

“सिलेस्टियल महिमा में तीन स्वर्ग, या अवस्थाएं होती हैं;

“और उच्चत्तम को प्राप्त करने के लिए, मनुष्य को पौरोहित्य की इस रीति में प्रवेश करना चाहिए [अर्थात विवाह का नया और अनंत अनुबंध];

“और यदि वह ऐसा नहीं करता, तो वह इसे प्राप्त नहीं कर सकता।

“वह अन्य में प्रवेश कर सकता है, लेकिन वह उसके राज्य का अंत है; उसकी वृद्धि नहीं हो सकती।”

हम यहां सीखते हैं कि कोई व्यक्ति सिलेस्टियल राज्य में हो सकता है, या परमेश्वर की उपस्थिति में रह सकता है, और अविवाहित भी रह सकता है। लेकिन सिलेस्टियल राज्य के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के लिए, व्यक्ति को उचित अधिकार द्वारा विवाह में करना होगा और फिर उस विवाह में किए गए अनुबंधों के प्रति सच्चा होना होगा। जब हम इन अनुबंधों के प्रति विश्वासी होते हैं, तो प्रतिज्ञा की पवित्र आत्मा हमारे विवाह अनुबंध को मुहरबंद कर सकती है। ऐसी मुहरबंदी आशीषें ऐसे फल बन जाती हैं जो बना रहता है।

विवाह की नई और अनंत अनुबंध को निष्ठापूर्वक निभाने के लिए क्या आवश्यक है?

अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने सिखाया है कि जब हम यह अनंत विवाह अनुबंध बनाते हैं तो दो प्रकार के बंधन बनाए जाते हैं: पति और पत्नी के बीच एक समानंतर बंधन, और परमेश्वर के साथ दूसरा उच्चतर बंधन। उत्कर्ष की आशीषों को हम पर मुहरबंद करने और इस जीवन के बाद बने रहने के लिए, हमें अनुबधों के समानंतर औरउच्चतर दोनों बंधनों के प्रति सच्चा होना चाहिए।

अपने जीवनसाथी के साथ समानंतर बंधन बनाए रखने के लिए, परमेश्वर ने हमें सलाह दी है कि “[अपनी] पत्नी [या पति] को पूरे [अपने] हृदय से प्यार करो, और … उसके साथ जुड़े रहो और किसी और के नहीं।” जो लोग विवाहित हैं, उनके लिए किसी और के बजाय उसके साथ जुड़े रहने का मतलब है कि आप एक साथ प्यार से सलाह लेते हैं, आप एक-दूसरे से प्यार करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं, आप बाहरी बातों के बजाय अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताने को प्राथमिकता देते हैं, और आप अपनी कमजोरियों पर विजय पाने के लिए परमेश्वर से मदद मांगते हैं। इसका मतलब यह भी है कि आप विवाह के बाहर किसी भी प्रकार का कोई भावनात्मक या यौन संबंध नहीं रखते है, जिसमें अनैतिक हंसी मजाक या डेटिंग और पोर्नोग्राफी भी शामिल है, जिससे अनैतिक यौन लालसा पैदा होती है।

अनुबंध में समानंतर बंधन को बनाए रखने के लिए, प्रत्येक साथी को विवाह बंधन में बने रहने की इच्छा होनी चाहिए। अध्यक्ष डैलिन एच. ओक्स ने हाल ही में सिखाया था: “हम यह भी जानते हैं कि वह [परमेश्वर] किसी को भी उसकी इच्छा के विरुद्ध मुहरबंदी संबंध के लिए मजबूर नहीं करेगा। मुहरबंदी की आशीषें उन सभी को मिलती हैं जो अपनी अनुबंध का पालन करते हैं, लेकिन कभी भी किसी अन्य व्यक्ति पर मुहरबंदी संबंध को मजबूर करके नहीं जो अयोग्य या अनिच्छुक है।”

अध्यक्ष नेल्सन द्वारा बताया उच्चतर बंधन क्या है? उच्चतर बंधन वह है जो हम परमेश्वर के साथ बनाते हैं।

परमेश्वर के साथ उच्चतर बंधन बनाए रखने के लिए, हमें आज्ञाकारिता, बलिदान, सुसमाचार, शुद्धता और अभिषेक की व्यवस्था के संबंध में बनाए गए मंदिर अनुबंधों के प्रति सच्चा रहना होगा। हम अपने अनंत साथी को प्राप्त करने और धर्मी जीवनसाथी और माता-पिता बनने के लिए भी परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाते हैं। जब हम उच्चतर बंधन बनाए रखते हैं, तो हम इब्राहीम अनुबंध के माध्यम से परमेश्वर के परिवार का हिस्सा होने की आशीषों को प्राप्त करते हैं, जिसमें भावी पीढ़ी, सुसमाचार और पौरोहित्य की आशीषें भी शामिल हैं। वास्तव में ये आशीषें ऐसा फल भी हैं जो हमेशा बने रहते हैं।

जबकि हम आशा करते हैं कि जो लोग नई और अनंत अनुबंध बनाते हैं तब वे सच्चे बने रहेंगे और उन पर अनंत काल तक मुहरबंद की गई आशीषों बनी रहेंगी, कभी-कभी यह आदर्श हमारी पहुंच से परे लगता है। अपनी संपूर्ण सेवकाई में मैंने ऐसे सदस्यों से मिला हूं जो अनुबंध बनाते हैं और उसका पालन करते हैं, जबकि उनके जीवनसाथी ऐसा नहीं करते हैं। ऐसे लोग भी हैं जो अविवाहित हैं और उन्हें कभी इस नश्वर जीवन में विवाह करने का अवसर नहीं मिलता है। और ऐसे लोग भी हैं जो अपने विवाह अनुबंधों के प्रति विश्वासी नहीं रहते हैं। इनमें से प्रत्येक परिस्थिति में व्यक्तियों का क्या होता है?

  1. यदि आप उन अनुबंधों के प्रति विश्वासी रहते हैं जो आपने तब बनाए थे जब आपको वृत्तिदान प्राप्त हुआ था, तो आपके वृत्तिदान में आपसे की गई व्यक्तिगत आशीषें प्राप्त होंगी, भले ही आपके पति या पत्नी ने अनुबंधों का पालन न किया हो या आपका तलाक हो गया हो। यदि आपको मुहरबंद किया गया था और बाद में तलाक हो गया, और यदि आपकी मुहरबंदी रद्द नहीं की गई है, तो उस मुहरबंदी की व्यक्तिगत आशीषें आपके लिए प्रभावी रहेंगी यदि आप विश्वासी बने रहते हैं।

    कभी-कभी, विश्वासघात और बहुत गहरी चोट की भावनाओं के कारण, एक विश्वासी जीवन साथी अपने विश्वासघाती जीवन साथी के साथ अपनी मुहरबंदी को रद्द करने की इच्छा कर सकता है, ताकि वह नश्वरता और अनन्तकाल मे उससे जितना संभव हो दूर हो सके। यदि आप चिंतित हैं कि आप पश्चाताप न करने वाले पूर्व पति या पत्नी से मुहरबंद रहेंगे, तो याद रखें, आपके साथ ऐसा नहीं होगा! परमेश्वर किसी को भी उसकी इच्छा के विरुद्ध अनंत काल तक किसी मुहरबंद संबंध में बने नहीं रहने देगा। स्वर्गीय पिता यह सुनिश्चित करेगा कि हमें हर वह आशीषें प्राप्त हों जिसकी अनुमति हमारी इच्छाएं और चुनाव देते हैं।

    हालांकि, यदि मुहरबंदी रद्द करना अभी भी वांछित है, लेकिन स्वतंत्रता का पालन किया जाता है। कुछ प्रक्रियाओं का पालन किया जा सकता है। लेकिन यह लापरवाही से नहीं किया जाना चाहिए! प्रथम अध्यक्ष्ता के पास पृथ्वी और स्वर्ग में मुहरबंद करने की कुंजियां हैं। प्रथम अध्यक्ष्ता द्वारा एक बार मुहरबंदी रद्द करने की अनुमति दे दिए जाने के बाद, उस मुहरबंदी से संबंधित आशीषें अब लागू नहीं होगी; उन्हें समानंतर और उच्चतर दोनों तरह से रद्द कर दिया जाता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि उत्कर्ष की आशीषें प्राप्त करने के लिए, हमें यह प्रदर्शित करना चाहिए कि हम इस नए और अनंत अनुबंध बनाने और विश्वास से पालन करने के इच्छुक हैं, या तो इस जीवन में या अगले जीवन में।

  2. जो लोग गिरजे के अविवाहित सदस्य हैं, कृपया याद रखें कि, प्रभु के अपने तरीके और समय में, उसके विश्वासी संतों को किसी भी आशीष को पाने से वंचित नहीं किया जाएगा। प्रभु प्रत्येक व्यक्ति की हृदय की इच्छाओं के साथ-साथ कर्म के अनुसार न्याय और प्रतिफल देगा।”

  3. यदि आप मंदिर के अनुबंधों के प्रति विश्वासी नहीं रहे हैं, तो क्या आपके लिए कोई आशा है? हां है! यीशु मसीह का सुसमाचार आशा का सुसमाचार है। वह आशा सच्चे पश्चाताप और आज्ञाकारी रूप से मसीह की शिक्षाओं का पालन करने से यीशु मसीह के द्वारा मिलती है। मैंने व्यक्तियों को पवित्र अनुबंधों को तोड़ते हुए गंभीर गलतियां करते देखा है। नियमित आधार पर, मैं उन लोगों को देखता हूं जो विश्वास से पश्चाताप करते हैं, उन्हें क्षमा कर दिया जाता है और वे अनुबंध मार्ग पर लौट आते हैं। यदि आपने अपने मंदिर के अनुबंधों को तोड़ दिया है, तो मैं आपसे यीशु मसीह की ओर मुड़ने, अपने धर्माध्यक्ष से परामर्श करने, पश्चाताप करने और यीशु मसीह के प्रायश्चित के कारण उपलब्ध शक्तिशाली चंगाई के लिए अपनी आत्मा को खोलने का आग्रह करता हूं।

भाइयों और बहनों, हमारे प्यारे स्वर्गीय पिता ने हमें अनुबंध दिए हैं ताकि हम वह सब कुछ प्राप्त कर सकें जो उसने हमारे लिए रखा है। परमेश्वर की ये पवित्र आशीषें किसी भी सांसारिक फल से अधिक स्वादिष्ट हैं। उन्हें हमारे लिए हमेशा के लिए संरक्षित किया जा सकता है, जब हम अपने मंदिर के अनुबंधों के प्रति विश्वासी रहते हैं।

मैं गवाही देता हूं कि परमेश्वर ने पृथ्वी और स्वर्ग पर बांधने का अधिकार पुन: स्थापित किया है। यह अधिकार अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह के गिरजे में ही पाया जाता है। यह प्रथम अध्यक्षता और बारह की परिषद धारण करते हैं और इसका उपयोग अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन के निर्देशन में किया जाता है। यीशु मसीह के प्रायश्चित के कारण, जो लोग विवाह के नए और अनंत अनुबंध बनाते और अनुबंध का पालन करते हैं, वे परिपूर्ण हो सकते हैं और अंततः पिता की महिमा की परिपूर्णता प्राप्त कर सकते हैं, चाहे उनके नियंत्रण से परे परिस्थितियां कुछ भी हों।

हमारे अनुबंधों से संबंधित ये प्रतिज्ञा की गई आशीषें प्रतिज्ञा की पवित्र आत्मा द्वारा हम पर मुहरबंद की जा सकती हैं और हमेशा-हमेशा के लिए ऐसे “फल बन सकते हैं जो हमेशा और सदैव बने रहते हैं। मैं यह गवाही यीशु मसीह के नाम में देता हूं, आमीन ।

विवरण

  1. यूहन्ना 15:16

  2. देखें डेल जी. रेनलैंड, “अनुबंधों के माध्यम से परमेश्वर की शक्ति तक पहुंचना,” लिआहोना, मई 2023, 35–38; सिद्धांत और अनुबंध 132:7

  3. किसी विधि को तब मुहरबंद किया जाता है जब इसे स्वर्ग और पृथ्वी दोनों में वैध बना दिया जाता है क्योंकि इसे अधिकृत व्यक्ति द्वारा संपन्न किया जाता और पवित्र आत्मा द्वारा इसकी पुष्टि की जाती है।

    हम मुहरबंदी अधिकार को केवल कुछ मंदिर विधियों पर लागू होने के रूप में सोचते हैं, लेकिन यह अधिकार किसी भी विधि को पृथ्वी और स्वर्ग में वैध और मृत्यु के पश्चात बाध्य बनाने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, मुहरबंदी शक्ति आपके बपतिस्मे पर वैधता की मुहर लगाती है, ताकि इसे यहां और स्वर्ग में मान्यता दी जा सके। आखिरकार, सभी पौरोहित्य विधियों को गिरजे के अध्यक्ष की कुंजियों के अनुसार किया जाता है, और जैसा कि अध्यक्ष जोसफ फील्डिंग स्मिथ ने समझाया था: “उन्होंने [गिरजे के अध्यक्ष] हमें अधिकार दिया है, उन्होंने हमारे पौरोहित्य में मुहरबंदी शक्ति दे दी है, क्योंकि वह उन कुंजियों को धारण करते हैं” [quoted by Harold B. Lee, in Conference Report, Oct. 1944, 75]” (D. Todd Christofferson, “The Sealing Power,” Liahona, Nov. 2023, 20)।

    “ऐसा कार्य जिसे प्रतिज्ञा की पवित्र आत्मा द्वारा मुहरबंद किया गया है वह है जिसे पवित्र आत्मा द्वारा अनुमोदित किया गया है; और यह प्रभु द्वारा अनुमोदित है। … कोई भी पवित्र आत्मा से झूठ नहीं बोल सकता और बिना पहचाने बचकर निकल नहीं सकता। … ये नियम गिरजे में अन्य विधि और कार्य पर भी लागू होते हैं। इस प्रकार यदि दोनों पक्ष [विवाह में] ईमानदार और सच्चे रहते हैं, [सिद्धांत और अनुबंध 76:53। 76:53], यदि वे योग्य हैं, तो उनके मंदिर विवाह को पवित्र आत्मा द्वारा मुहरबंद किया जाता है; यदि वे अयोग्य रहते हैं, तो वे आत्मा द्वारा योग्य नहीं ठहराए जाते हैं और पवित्र आत्मा की मुहरबंदी रद्द हो जाती है। योग्यता मुहरबंदी को बनाए रखेगी और अधर्म किसी भी मुहरबंदी को रद्द कर देगा” (Bruce R. McConkie, “Holy Spirit of Promise,” in Preparing for an Eternal Marriage Student Manual [2003], 136)।

    प्रतिज्ञा की गई पवित्र आत्मा ही पवित्र आत्मा है जो हर विधि पर अनुमोदन की मुहर लगाती है: बपतिस्मा, पुष्टिकरण, नियुक्ति, विवाह। प्रतिज्ञा यह है कि विश्वासयोग्यता से आशीषें प्राप्त होगी। यदि कोई व्यक्ति किसी अनुबंध का उल्लंघन करता है, चाहे वह बपतिस्मा, अभिषेक, विवाह या कुछ और हो, तो आत्मा अनुमोदन रद्द कर देती है, और आशीषें प्राप्त नहीं होगी। प्रत्येक विधि को विश्वासयोग्यता के आधार पर उपहार की प्रतिज्ञा के साथ मुहरबंद किया जाता है। जहां अनुबंध टूटते हैं वहां पवित्र आत्मा अनुमोदन रद्द कर देती है” (जोसफ फील्डिंग स्मिथ, Doctrines of Salvation, comp। Bruce R. McConkie [1954], 1:45)।

  4. रसल एम. नेल्सन, Heart of the Matter: What 100 Years of Living Have Taught Me (2023), 15। सभी अनुबंधों को प्रतिज्ञा की पवित्र आत्मा द्वारा मुहरबंद किया जाना चाहिए यदि उन्हें मृतकों के पुनरुत्थान के बाद बने रहना है” (देखें सिद्धांत और अनुबंध 132:7)।

  5. Russell M. Nelson, “Celestial Marriage,” Liahona, Nov. 2008, 94।

  6. सिद्धांत और अनुबंध 132:19

  7. देखें सिद्धांत और अनुबंध 84:38

  8. सिद्धांत और अनुबंध 131:1-4

  9. (देखें सिद्धांत और अनुबंध 132:19-20।) “वह सर्वोच्च स्थान—सिलेस्टियल राज्य में उत्कर्ष—अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह के गिरजे में महत्वपूर्ण है” (Dallin H. Oaks, “Kingdoms of Glory,” Liahona, Nov. 2023, 26)।

  10. “जिस प्रकार विवाह और परिवार एक अनोखा समानंतर बंधन साझा करते हैं जो एक विशेष प्रेम पैदा करता है, उसी प्रकार नया रिश्ता तब बनता है जब हम स्वयं को परमेश्वर के साथ … उच्चतर बंधन बनाते हैं जब हम विवाह की नई और अनंत अनुबंध बनाते हैं” (Russell M. Nelson, Heart of the Matter, 41–42)।

  11. सिद्धांत और अनुबंध 42:22; देखें सामान्य विवरण पुस्तिका: अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह के गिरजे में सेवा करना, 38.6.16। यहां विवाह पर चर्चा करते हुए, मैं परमेश्वर की व्यवस्था के अनुसार विवाह का उल्लेख कर रहा हूं, जो विवाह को किसी पुरुष और महिला के बीच वैध और कानूनी संबंध के रूप में परिभाषित किया जाता है (देखें “परिवार: दुनिया के लिए एक घोषणा,” सुसमाचार लाइब्रेरी)।

  12. देखें “परिवार: दुनिया के लिए एक घोषणा,” सुसमाचार लाइब्रेरी।

  13. (देखें सिद्धांत और अनुबंध 42:22-24।)

  14. Dallin H. Oaks, “Kingdoms of Glory,” 29; महत्व जोड़ा गया है।

  15. देखें सिद्धांत और अनुबंध 86:8–11; 113:8; इब्राहीम 2:9–11

  16. देखें सामान्य विवरण पुस्तिका, 38.4.1

    जब मैं स्विट्जरलैंड में एक पूर्णकालिक मिशन में सेवा कर रहा था, तो मैंने और मेरे साथी ने एक बढिया 60 वर्षीय स्विस दंपति के साथ सुसमाचार साझा किया थी। जब हमने इस दंपति को यीशु मसीह के पुनर्स्थापित गिरजे के बारे में सिखाया, तो महिला ने हम जो सिखा रहे थे उसमें बहुत रुचि दिखाई छी। अगले कुछ हफ्तों में, उसे इसकी सच्चाई की गवाही मिली कि यीशु मसीह के गिरजे को परमेश्वर के सही अधिकार के साथ पुनः स्थापित किया गया था, और यीशु मसीह अपने गिरजे को जीवित भविष्यवक्ताओं और प्रेरितों के माध्यम से निर्देशित करता है। हम इस दंपति को पुन: स्थापना के सबसे उत्कृष्ट सिद्धांतों में से एक, अनंत विवाह के अवसर के बारे में सिखाने के लिए उत्सुक थे। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से, जब हमने इस दंपति को अनंत विवाह के सिद्धांत के बारे में सिखाया, तो स्विस महिला ने टिप्पणी की कि उसे अपने पति के साथ अनंत काल तक रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह स्वर्ग में अपने पति के साथ रहना नहीं चाहती थी, जिससे उसके विवाह को 36 साल हो गए थे। इस बहन ने बपतिस्मा ले लिया था, लेकिन उसके पति ने नहीं। इन्हें कभी भी मंदिर में मुहरबंद नहीं किया गया था।

    हालांकि, कई लोगों के लिए, जिस व्यक्ति से उनका विवाह हुआ है, उसके साथ रहे बिना स्वर्ग, स्वर्ग नहीं होगा। जिस जीवनसाथी से आप प्यार करते हैं उसके साथ हमेशा के लिए रहना वास्तव में स्वर्ग जैसा लगता है। जैसा कि एल्डर जैफ्री आर. हॉलैंड ने अपनी प्रिय पत्नी पैट के बारे में साझा किया था, “उसके बिना स्वर्ग, स्वर्ग नहीं होगा” (see “Scott Taylor: For Elder Holland, Heaven without His Wife and Children ‘Wouldn’t Be Heaven for Me,’” Church News, July 22, 2023)।

  17. Dallin H. Oaks, “Kingdoms of Glory” 26.

  18. देखें रसल एम. नेल्सन, “Celestial Marriage,” 94।

  19. देखें यूहन्ना 15:16