2010–2019
प्रचारक कार्य: आप के हृदय में जो है उसे बांटे
अप्रैल 2019 महा सम्मेलन


प्रचारक कार्य: आप के हृदय में जो है उसे बांटे

इस पृथ्वी पर आप जहां भी हैं, वहां यीशु के सुसमाचार की खुशखबरी बांटने का भरपूर अवसर मिलेंगे ।

पिछले महिने बारहों को हमारे प्रिय भविष्यवक्ता रसल एम. नेलसन, ने अपने साथ रोम इटली मंदिर के समर्पण के दौरान उनके साथ यात्रा करने का निमंत्रण दिया । यात्रा के दौरान, मैंने प्रेरित पौलुस और उसकी यात्राओं के बारे में सोचा । उनके समय में यरूशलेम की यात्रा में लगभग 40 दिन लगते होंगे । आज मेरे मनपसंद हवाई जहाज में, 3 घंटे से भी कम समय लगता है ।

बाइबिल के विद्वान विश्वास करते हैं कि पौलुस में रोम था जब उसने अपने बहुत से पत्र लिखे थे, जो गिरजे के सदस्यों को मजबूती देने के लिये तब महत्वपूर्ण थे और आज भी हैं ।

प्रचीन गिरजे का पौलुस और सदस्य, आरंभिक संत, बलिदान से अच्छी तरह परिचित थे । बहुतों को गंभीर रूप से सताया गया था, उन्हें मर भी डाला गया था ।

पिछले 200 वर्षों में, यीशु मसीह के पुनास्थापित गिरजे के सदस्यों, अंतिम-दिनों के सतों, ने भी कई तरह सताए जाने को अनुभव किया है । लेकिन इस आत्याचार के होते हुए (और कभी-कभी इसके कारण), अंतिम-दिनों का यीशु मसीह का गिरजे ने विकास करना जारी रखा और आज विश्वभर में पाया जाता है ।

बहुत कुछ करना है

हालांकि, इस अद्वितीय सफलता पर केक पकाने, फूल बरसाने, और स्वयं को बधाई देने से पहले, हमें उस प्रगति को दृष्टि में रखने के लिये बेहतर करना होगा ।

विश्वभर के लगभग साढ़े सात अरब लोगों की तुलना में अंतिम-दिनों के यीशु मसीह के गिरजे के सदस्य एक करोड़ साठ लाख—सच में बहुत छोटा समूह है ।1

जबकि, ईसाई विश्वासियों की संख्या संसार के कुछ भागों में सिकुड़ रही है ।2

प्रभु के पुनास्थापित गिरजे में भी – जबकि कुल सदस्यता बढ़ रही है – कई हैं जो नियमितरूप से गिरजे में भाग लेकर मिलने वाली आशीषों को प्राप्त नहीं करते हैं ।

अन्य शब्दों में, आप पृथ्वी पर जहां कहीं हो, वहां जिन लोगों से आप मिलते, अध्ययन करते, और रहते या कार्य करते और मेलजोल करते हो, उनसे यीशु मसीह के सुसमाचार की खुशखबरी3 को बांटने के कई अवसर हैं ।

पिछले वर्ष, मुझे गिरजे की विश्वव्यापी प्रचारक गतिविधियों में शामिल होने का शानदार अवसर मिला था । मैंने अपने शिष्यों को उद्धारकर्ता के महान कार्य: “इस लिए तुम जाकर सब जातियों के लोंगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बप्तिस्मा दो ।” के बार में मैंने अक्सर मनन और प्रार्थना की है ।4

मैंने इस प्रश्न को निरंतर समझने की कोशिश की है कि “हम मसीह के सदस्यों और शिष्यों के रूप में हम अपने प्रतिदिन के जीवन में उस महान कार्य को कैसे पूरा कर सकते हैं ?”

आज मैं आपको अपने हृदय और मन में उसी प्रश्न पर विचार करने के लिए आमंत्रित करता हूं ।5

प्रचारक कार्य के लिए एक उपहार

गिरजा के मार्गदर्शकों ने दशकों से गिरजा के मार्गदर्शकों ने दशकों से इस स्पष्ट नियुक्ति पर जोर दिया है कि “प्रत्येक सदस्य एक प्रचारक है !”6

यीशु मसीह के गिरजा के सदस्यों ने—अतीत के दिनों मैं और वर्तमान दोनों में यीशु मसीह के गिरजे के सदस्यों ने—अतीत में और वर्तमान दोनों में उत्साहपूर्वक और आनंदपूर्वक सुसमाचार को मित्रों और परिचितों के साथ बांटा है । उनके हृदय यीशु मसीह की गवाही के साथ, प्रज्वलित हैं, और वे ईमानदारी से दूसरों को उसी खुशी का अनुभव करना चाहते हैं जो उन्होंने उद्धारकर्ता के सुसमाचार में पाई है ।

गिरजे के कुछ सदस्यों को मानो इसके लिए उपहार प्राप्त है । वे सुसमाचार के राजदूत बनना पसंद करते हैं । वे साहसपूर्वक और खुशी से सदस्य प्रचारक के रूप में कार्य और मार्गदर्शन करते हैं ।

हालांकि, हममें से बहुत से लोग झिझकते हैं । जब गिरजे की सभाओं में प्रचारक कार्य पर चर्चा की जाती है, तो बहुत से अपने सिरों सीट के पीछे छिपा लेते हैं, आंखें धर्मशास्त्रों पर केंद्रित या गहरे ध्यान में बंद हो जाती है ताकि अन्य सदस्यों से आंखें मिलनी पड़े ।

ऐसा क्यों है ? हो सकता है कि हम सुसमाचार को बांटने के लिये कुछ अधिक न करने के लिए स्वयं को दोषी महसूस करतें हैं । शायद हम इसे करने के बारे में अनिश्चित महसूस करते हैं। या हमें अपनी आरामदायक स्थिति से बाहर जाने में भय महसूस होता है ।

मैं यह समझ सकता हूं |

लेकिन याद रखें, प्रभु को कभी भी विशेषज्ञ, निष्कलंक प्रचारक कार्यों की आवश्यकता नहीं होती है । इसके स्थान पर, “प्रभु को इच्छुक हृदय और मन की आवश्यकता है ।”7

यदि आप पहले से ही खुशी से प्रचारक काक्य कर रहे हैं, तो कृपया इसे जारी रखें, और दूसरों के लिए एक उदाहरण बनें । प्रभु आपको आशीष देगा ।

यदि आपको लगता है कि आप संकोच महसूस करते हैं, जब सुसमाचार संदेश को बांटने की बात आती है, तो मैं पांच अपराध-मुक्त कार्यों का सुझाव देना चाहता हूं जो इस्राएल को एकत्रित करने में मदद कर उद्धारकर्ता के महान कार्य में भाग लेने के लिए कोई भी कर सकता है ?

पांच सरल से सुझाव

पहला, परमेश्वर के निकट आएं । पहली महान आज्ञा परमेश्वर से प्रेम करना है ।8 यह एक प्राथमिक कारण है जिसके लिये हम इस पृथ्वी पर आये हैं । स्वयं से पूछें, “क्या मैं वास्तव में स्वर्गीय पिता में विश्वास करता हूं ?”

“क्या मैं उससे प्रेम और विश्वास करता हूं ?”

जितना अधिक आप हमारे स्वर्गीय पिता के निकट जाएंगे, उतना ही उसका प्रकाश और आनंद आपके भीतर से चमकता जाएगा । अन्य लोग ध्यान देंगे कि आपके बारे में कुछ अनोखा और विशेष है । और वे उसके बारे में जानना चाहेंगे ।

दूसरा, अपने हृदय को दूसरों के लिए प्यार से भरें । यह दूसरी महान आज्ञा है ।9 अपने आसपास के सभी लोगों को सच में परमेश्वर के बच्चे के रूप में देखने का प्रयास करें । उनकी सेवकाई करें - चाहे वे आपके सेवकाई बहन या भाई की सूची में हो या न हो |

उनके साथ हंसें । उनके साथ आनंद मनाएं । उनके साथ रोएं । उनका आदर करें । उन्हें चंगाई, सहारा, और मजबूती दें ।

मसीह के प्रेम का अनुसरण करने और दूसरों के लिए दया पाने का प्रयास करें—यहां तक कि जो आपके प्रति निर्दयी हैं, जो आपका मजाक उड़ाते हैं और आपको नुकसान पहुंचाना चाहते हैं । उन्हें प्यार करें और उन्हें स्वर्गीय उन से प्रेम करें और स्वर्गीय पिता के बच्चों के रूप व्यवहार करें ।

तीसरा, शिष्यत्व के मार्ग पर चलने का प्रयास करें । जब आप परमेश्वर और उसके बच्चों के प्रति आपका प्रेम गहरा होता है, तो उसी प्रकार यीशु मसीह का अनुसरण करने की आपकी प्रतिबद्धता बढ़ती है ।

उसके वचन का अध्ययन करने और वर्तमान भविष्यवक्ताओं और प्रेरितों की शिक्षाओं ध्यान देने और लागू करने से आप उसके मार्ग को सीखते हैं । आप उसके मार्ग पर चलने के लिए आत्मविश्वास और साहस में बढ़ते हैं जब आप विनम्र हृदय से स्वर्गीय पिता से बातचीत करते हैं ।

शिष्यत्व मार्ग पर चलने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है-प्रतिदिन, थोड़ा-थोड़ा करके, “अनुग्रह से अनुग्रह”10 “नियम पर नियम ।”11 नियम पर निमय कभी-कभी दो कदम आगे और एक कदम पीछे ।

महत्वपूर्ण बात यह है कि आप हार नहीं मानें; इसे सही करने के लिये प्रयास करते रहें । आप अंततः बेहतर, खुश और अधिक विश्वास योग्य बनोगे । विश्वास के बारे में दूसरों के साथ बात करना सामान्य और स्वाभाविक हो जाएगा। वास्तव में, सुसमाचार आपके जीवन का ऐसा आवश्यक, अनमोल हिस्सा हो जायेगा कि जो दूसरों के साथ इस बारे में बात करना अप्राकृतिक महसूस होने लगेगा | यह तुरंत नहीं होगा - यह एक आजीवन भर का प्रयास है । परन्तु यह होगा अवश्य ।

चौथा, जो आपके हृदय में है उसे बांटें । मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप एक भोंपू के साथ एक सड़क के किनारे पर खड़े हों और मॉरमन की पुस्तक के शब्दों को चिल्लाने लगें । मेरे कहने का अर्थ है कि आप हमेशा लोगों के साथ व्यक्तिगत और ऑनलाइन दोनों—तरह से अपने विश्वास को बढ़ाने के अवसरों की खोज करते रहें । मेरे कहने का अर्थ है कि आप “गवाह के रूप में खड़े रहें”12 हर समय सुसमाचार की शक्ति का और जब जरूरत पड़े तो शब्दों का इस्तमाल करें ।13

क्योंकि “मसीह का सुसमाचार … परमेश्वर की शक्ति है, उद्धार के लिये” जब आप इसे बांटते हैं, तो आप आश्वस्त, साहसी और विनम्रता हो सकते हैं ।14 आत्मविश्वास, साहस और विनम्रता विरोधाभासी गुणों के समान लग सकते हैं, लेकिन ये ऐसे नहीं हैं । वे उद्धारकर्ता के निमंत्रण पर विचार करते हैं सुसमाचार मूल्यों और नियमों छिपाएं नहीं बल्कि आपके कार्य मनुष्यों के सामने चमकें ताकि वे आपके भले कार्यों को देखकर आपके पिता की जो स्वर्ग में है, प्रशंसा करें ।15

ऐसा करने के कई सामान्य और प्राकृतिक तरीके हैं, प्रतिदिन के दया के कार्यों से लेकर यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, या ट्विटर पर व्यक्तिगत गवाही बांटने से लेकर लोगों से सरल बातचीत हो सकती है । इस वर्ष हम अपने घरों में और रविवार विद्यालय में नए नियम से सीख रहे हैं । उद्धारकर्ता के बारे में सीखने के लिए अपने मित्रों और पड़ोसियों को गिरजे और अपने घरों में निमंत्रित करने का बहुत शानदार अवसर है । उनके साथ सुसमाचार लाइब्रेरी ऐप साझा करें, जहां वे आओ, मेरा आगुमन करो। पा सकते हैं। यदि आप युवा लोगों और उनके परिवारों को जानते हैं, तो उन्हें For the Strength of Youth पुस्तिका दें, और उन्हें निमंत्रित करें और देखें कि कैसे हमारे युवा उन सिद्धांतों को जीने का प्रयास करते हैं ।

यदि कोई आप से सप्ताहांत के बारे में पूछता है, तो गिरजे में अपने अनुभव के बारे में बात करने में संकोच न करें । उन छोटे बच्चों के बारे में बताएं जो सभा के सामने खड़े होते हैं और उत्सुकता से गाते हैं कि कैसे वे यीशु की तरह बनने का प्रयास कर रहे हैं । युवाओं के उस समूह के बारे में बताएं जिन्होंने सहारा-बसेरों में व्यक्तिगत इतिहास का संकलन करने में बुजुर्गों की मदद करने में समय बिताया है । हमारे रविवार की सभा के कार्यक्रम में हाल के बदलाव के बारे में बात करें और कैसे यह आपके परिवार को आशीष देता है । या समझाएं कि क्यों हम इस बात को इतना महत्व देते हैं कि यह अंतिम दिनों के संतों का यीशु मसीह का गिरजा है और हम भी अंतिम-दिनों के संत हैं, जैसे प्राचीनकाल में गिरजे के सदस्यों को कहा जाता था |

जो भी तरीका से आपको स्वाभाविक और सामान्य लगे, उसे लोगों के साथ बांटे कि यीशु मसीह और उसका गिरजा आपके लिए महत्वपूर्ण है । उन्हें निमंत्रण दें कि “आओ और देखो ।”16 उसके बाद उन्हें प्रोत्साहित करें आने और मदद करने के लिये । हमारे गिरजे की गतिविधियों में सहायता करने के लिए लोगों के पास कई अवसर हैं ।

चुने हुए लोगों को खोजने के लिए प्रचारकों के लिये केवल प्रार्थना न करें । प्रतिदिन संपूर्ण हृदय से प्रार्थना करें कि आपको वे मिलें जो आएं और देखें, आएं और मदद करें, और आएं और रहें । पूरे समय के प्रचारकों को इसमें शामिल करें । वे स्वर्गदूतों के समान हैं, सहायता के लिये तत्पर !

जब आप खुशखबरी, यीशु मसीह का सुसमाचार बांटते हैं, तो ऐसा प्रेम और धैर्य से करें । यदि हम एकमात्र उम्मीद के साथ लोगों से बातचीत करते हैं कि वे जल्द ही एक सफेद पोशाक पहनेंगे और नजदीक के बपतिस्मा कुंड के लिए पूछेंगे, तो हम गलती कर रहे हैं ।

कुछ जो आते हैं और देखते हैं, शायद, गिरजे में कभी शामिल नहीं होंगे हैं; कुछ बाद में शामिल होंगे । वह उनका चुनाव है । परंतु इस कारण उनके प्रति हमारा प्रेम बदल नहीं जाता । और यह लोगों और परिवारों को आने और देखने, आने और मदद करने, और आने और रहने का निमंत्रण देने के हमारे उत्साही प्रयासों को नहीं बदलता ।

पांचवां, उसके चमत्कारों को कार्य करने के लिये प्रभु पर भरोसा रखें । इस समझ लें कि लोगों को परिवर्तित करना आपका कार्य नहीं है । यह भूमिका पवित्र आत्मा की है । आपकी भूमिका आपके हृदय में जो है उसे बांटना और अपने विश्वास के अनुसार निरतंर जीना है ।

इसलिए, यदि कोई तुरंत सुसमाचार संदेश स्वीकार नहीं करता तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है । यह व्यक्तिगत असफलता नहीं है ।

यह उस व्यक्ति और स्वर्गीय पिता के बीच बात है ।

आपका कार्य परमेश्वर और अपने पड़ोसियों, उसके बच्चों से प्यार करना है ।

विश्वास करो, प्रेम करो, कार्य करो ।

इस मार्ग का अनुसरण करें, और परमेश्वर अपने अनमोल बच्चों को आशीष देने के लिए आपके द्वारा चमत्कार करेगा ।

ये पांच सुझाव आपको वैसा करने में सहायता करेंगे जिसे प्राचीन काल में यीशु मसीह के शिष्यों ने किया था । उसका सुसमाचार और गिरजा आपके जीवन, जो आप हैं, और जिसे आप करते हैं उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । इसलिये, आप दूसरों को आने और देखने और आने और मदद करने के लिये निमंत्रण दें, और परमेश्वर उसके उद्धार का कार्य करेगा, और वे आएंगे और रहेंगे

लेकिन यदि यह कठिन होता है तो ?

“लेकिन,” आप पूछ सकते हो, “क्या होगा यदि मैं यह सब करता हूं और लोग ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करते ? क्या होगा यदि वे गिरजे के बारे की आलोचना करते हैं ? क्या होगा यदि वे मुझसे मित्रता तोड़ देतें हैं ?”

हां, ऐसा हो सकता है । प्राचीन काल से, यीशु मसीह के शिष्यों को अक्सर सताया गया है ।17 प्रेरित पतरस ने कहा, “जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनंद करो … ।”18 आरंभिक संत ने आनंदित थे“ कि वे इस बात से आनंदित होकर महासभा के सामने से चले गए, कि हम उसके लिए निरादर होने के योग्य तो ठहरे ।”19

याद रखें, प्रभु रहस्यमय तरीके से कार्य करता है । हो सकता है कि आपकी मसीह-समान प्रतिक्रिया से अस्वीकार करने वाला कठोर हृदय कोमल हो जाए ।

यीशु मसीह के प्रेरित के रूप में, मैं आपको आत्मविश्वास से सुसमाचार मूल्यों की जीवित गवाही होने की आशीष देता हूं, हमेशा अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह का गिरजे के सदस्य पहचाने जाने वाले साहस से, विनम्रतासे, स्वर्गीय पिता और उसके बच्चों के लिए अपने प्रेम की अभिव्यक्ति के रूप में उसके कार्य में सहायता करें ।

मेरे प्रिय मित्रों, आप यह जानकर खुशी होगी कि आप इस्राएल को एकत्रित करने की बहुत पहले की गई भविष्यवाणी के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मसीह की “शक्ति और महान महिमा में; सब पवित्र स्वर्गदूतों के साथ” आगमन की तैयारी कर रहें हैं ।20

स्वर्गीय पिता आप को जानता है । प्रभु आप से प्रेम करता है । परमेश्वर आपको आशीष देगा । यह उसी का नियुक्त किया हुआ कार्य है । आप इसे कर सकते हैं । हम सब इसे मिलकर कर सकते हैं ।

मैं यह गवाही यीशु मसीह के नाम में देता हूं, आमीन ।

विवरण

  1. महान भविष्यवक्ता नफी ने दिव्यदर्शन में देखा कि भले ही परमेश्वर के मेमने का गिरजा “संपूर्ण पृथ्वी पर फैल जाएगा” लेकिन दुष्टता के कारण संपूर्ण पृथ्वी पर इसकी कुल “संख्या कम होगी”(1 नफी 14:12; और देखें लूका 12:32)।

  2. उदाहरण के लिए, प्यू रिसर्च सेंटर के एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में, “वयस्कों (18 वर्ष और उससे अधिक) का प्रतिशत, जो खुद को ईसाई बताते हैं, ने केवल सात वर्षों में लगभग आठ प्रतिशत अंकों में 78.4% से गिरावट हुई है । … 2014 में 2007 से 70.6%। इसी अवधि में, उन अमेरिकियों का प्रतिशत जो धार्मिक रूप से अप्रभावित हैं - खुद को नास्तिक, अज्ञेय या ‘कुछ भी नहीं’ के रूप में वर्णित करते हुए—ने 16.1% से 22.8% तक छह अंक से अधिक की छलांग लगाई है।” (“अमेरिका का धार्मिक लैंडस्केप बदलना”, पिउ अनुसंधान केंद्र, 12 मई, 2015, pewforum.org/2015/05/12/americas-changing-religious-landscape)।

  3. यह शब्द सुसमाचार मतलब “खुशखबरी ।” अच्छी खबर यह है कि यीशु मसीह ने एक परिपूर्ण प्रायश्चित किया है जो सभी मानव जाति को कब्र से छुड़ाएगा और प्रत्येक व्यक्ति को उसके कार्यों के अनुसार पुरस्कृत करेगा। इस प्रायश्चित की शुरुआत पूर्वजों की दुनिया में नियुक्ति के साथ हुई, उनकी मृत्यु के दौरान जारी रही, और उनके शानदार पुनरुत्थान के साथ समापन हुआ । उनके नश्वर जीवन, सेवा और बलिदान के बाइबिल अभिलेखों को सुसमाचार : मत्ती, मरकुस, लूका, और यहून्ना को कहा जाता है ।

  4. मत्ती 28:19

  5. “वास्तव में मैं तुमसे कहता हूं, मेरे दोस्तों, मैं तुम्हारे दिल में विचार करने के लिए इन बातों को छोड़ देता हूं”(सिद्धांत और अनुबंध 88:62) ।

    “देखो, मैं तुमसे कहता हूं, कि तुम इसे अपने मन में पढ़ो; तो आप मुझसे पूछो कि क्या यह सही है, और अगर यह सही है तो मैं ऐसा करूँगा कि आपके भीतर आत्मा ज्योति जल जाएगा; इसलिए, आपको लगेगा कि यह सही है” (सिद्धांत और अनुबंध 9:8)।

  6. अध्यक्ष डेविड ओ. मैके ने 1922 से 1924 तक यूरोपीय मिशन की अध्यक्षता करते हुए “हर सदस्य को एक मिशनरी [बनने] के लिए” प्रोत्साहित किया, और उन्होंने गिरजे के सम्मेलन में 1952 की शुरुआत में एक ही संदेश साझा किया। (see “‘Every Member a Missionary’ Motto Stands Firm Today,” Church News, फर. 20, 2015, ChurchofJesusChrist.org/church/news/-every-member-a-missionary-motto-stands-firm-today) ।

  7. सिद्धांत और अनुबंध 64:34

  8. देखें मत्ती 22:37–38

  9. देखें मत्ती 22:39

  10. सिद्धांत और अनुबंध 93:12

  11. यशायाह 28:10

  12. मुसायाह 18:9

  13. इस विचार को अक्सर असीसी के सेंट फ्रांसिस के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है; और देखें यहून्ना 10:36–38

  14. रोमियों 1:16

  15. देखें मत्ती 5:15–16

  16. यहून्ना 1:46; महत्त्व दिया ।

  17. देखें यहून्ना 15:18

  18. 1 पतरस 4:13, English Standard Version; इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कैसे सुसमाचार के लिए मसीह के अनुयायियों को किस प्रकार पीड़ित होतें हैं, पद 1–19 भी देखें ।

  19. देखें प्रेरितों के कार्य 5:41 |

  20. सिद्धांत और अनुबंध 45:44