2025
मसीह की ओर देखें
जनवरी 2024


मासिक युवाओं की शक्ति के लिए संदेश, जनवरी 2025

मसीह की ओर देखें

सिद्धांत और अनुबंध 6:36

2025 की युवा थीम आपको शक के उपर भरोसा और डर के उपर विशवास चुनने मे मदद करेगा।

2025 यूथ थीम लोगो

सत्रह वर्षीय कैली एक चीयरलीडिंग टीम में थी, लेकिन एक दुर्घटना के कारण उसे मस्तिष्क में गंभीर चोट लग गई। उसके ठीक होने की प्र्क्रीया के दौरान वह स्कूल नहीं जा सकी और वह खुद को अकेला और पृथक महसूस करने लगी। वह भावनात्मक रूप से संघर्ष कर रही थी और उसे नहीं पता था कि मदद के लिए कहां जाए एक मित्र ने उसे प्रचारको की बात सुनने का सुझाव दिया। उन्होंने उसे यीशु मसीह के प्रायश्चित के बारे में सिखाया। मसीह के बारे में अधिक जानने से उसे आशा मिली, और उसे ऐसा महसूस हुआ मानो परमेश्वर स्वयं उसकी ओर हाथ बढ़ा रहा है।

कैली ने अपनी माँ से कहा, “मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि परमेश्वर ने मुझसे प्रेम किया। परन्तु अब मुझे पता है कि वह मुझसे प्रेम करता है.

उसकी मां, मिशेल, थोड़ा आश्चर्यचकित हुई। जब कैली सात वर्ष की थी, तब उसने और उसके पति ब्रॉक ने विभिन्न प्रश्नों, शंकाओं और चिंताओं के कारण अन्तिम-दिनो के संतों के यीशु मसीह का गीरजे को छोड़ दिया था। उन्होंने मान लिया कि उनकी बेटी बिना किसी बैठक और आज्ञा के अधिक खुश रहेगी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका निर्णय कैली को परमेश्वर के साथ घनिष्ठ संबंध से दूर कर देगा। जब मिशेल और ब्रॉक ने कैली को बदलते देखा, तो उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें परमेश्वर के करीब महसूस किए हुए काफी समय हो गया था, और वे फिर से वैसा ही महसूस करना चाहते थे।

वे अपने धर्माध्य्क्ष से मिले, और जल्द ही कैली के भाई ब्रेडन, सहित पूरा परिवार, गीरजे में वापस आ गया। परमेश्वर के करीब महसूस करना और उसके साथ पुनः जुड़ना - विशेष रूप से प्रार्थना के माध्यम से - उनके विश्वास को पुनः स्थापित कर दिया। गीरजे में लौटने से उनके सभी प्रश्न या चिंताएं हल नहीं हुईं, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि ईश्वर के साथ एक मजबूत व्यक्तिगत संबंध होना उनके अविश्वास से कहीं अधिक महत्वपूर्ण था।

यह सब तब शुरू हुआ जब एक मित्र - आपके जैसे एक किशोर - ने कैली को मसीह की ओर देखने के लिए आमंत्रित किया। और उसने ऐसा ही किया!

यीशु मसीह ने कहा है, “प्रतेय्क विचार में मेरी ओर देखो; संदेह मत करो, भयभीत मत हो” ((सिधांत और अनुबंद 6:36)। 2025 युवा थीम के पीछे यही प्रेरणा है। हमें यह बताने की अनुमति दें कि आप मसीह की ओर देखते हुए किस प्रकार संदेह के स्थान पर विश्वास और भय के स्थान पर आस्था का चुनाव कर सकते हैं:

युवतियों की महा अध्यक्षता

बाएं से दायां: सिस्टर रूनिया, अध्यक्ष फ्रीमैन, सिस्टर स्पैनौस

तमारा डब्ल्यू. रुनिया

जब मैं संघर्ष कर रही होती हुं, तो मुझे हमेशा यीशु मसीह की बाहें फैलाए हुए कल्पना करने से मदद मिलती है। जब मैं उसकी ओर देखती हूँ, तो मुझे उस गीत के शब्द याद आते हैं, “मैं यीशु के साथ चलूँगा”: “वह मुझे कभी नहीं छोड़ेगा, तब भी जब मैं गिर जाउंगी।”

एमिली बैल फ्रीमन

जब मैं इस विषय-वस्तु वाले धर्मशास्त्र को पड़ती हूँ, तो मुझे गलील झील पर पतरस की घटना याद आती है। तूफ़ान पर ध्यान केंद्रित करने से उसका डर और संदेह बढ़ गया, जिसके कारण वह तूफ़ानी लहरों में डूब गया। लेकिन उद्धारकर्ता पर ध्यान केन्द्रित करने से वह ऐसा कार्य करने में सक्षम हुआ जो उसने पहले कभी नहीं किया था: वह पानी पर चला! यह सचमुच उल्लेखनीय है। जब आप उसकी ओर देखते हैं तो आप क्या हासिल कर सकते हैं?

ऐंद्रेया म्यूनोज स्पनाउस

जब मुझे डर लगने लगता है, चाहे मैं कहीं भी रहूं या किसी भी स्थिति में रहूं, मैं जानबूझकर स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह के साथ अपने रिश्ते के बारे में सोचती हूं। मैं मन ही मन कई बार दौहराती हूं: मैं परमेशवर की पुत्री हूँ मैं ऐसा तब तक करती रहती हूं जब तक कि मुझे बेहतर महसूस न होने लगे। यह हमेशा काम करता है!

युवकों की महा अध्यक्षता

बाएं से दायां: भाई विलकॉक्स, अध्यक्ष लुंड, भाई नेल्सन

ब्रैडली आर. विलकॉक्स

अपने आप से पूछें कि कौन आपकी सबसे अधिक परवाह करता है और आपसे सबसे अधिक प्यार करता है। क्या यह आपके माता-पिता और गिरजे के मार्ग्द्शक हैं? क्या सोशल मीडिया पर ऐसे लोग हैं जिनके लिए आप सिर्फ एक संख्या हैं? स्वर्गीय पिता और मसीह की ओर देखें। वे सचमुच परवाह करते हैं!

स्टीवन जे. लुंड

याद रखें कि जब आप हारूनी पौरोहित्य परिषद और युवतियों के विषयों को पढ़ते हैं तो आपको क्या याद दिलाया जाता है: आप परमेश्वर के प्रिय पुत्र या पुत्री हैं। विश्वास रखें कि हमारे पिता के पास आपके लिए एक योजना है। मसीह की ओर देखने का अर्थ है यह देखना कि उसका प्रायश्चित उस योजना के ठीक केन्द्र में है।

माइकल टी. नेल्सन

धर्मशास्त्रों को पढ़ना मसीह की ओर देखना है। जब हमें यीशु के चमत्कारों और शिक्षाओं की याद दिलाई जाती है तो संदेह और भय स्वाभाविक रूप से दूर हो जाते हैं। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें उनके वचनों तक पहुंच प्राप्त है। वे हमारे जीवन में आने वाली हर परिस्थिति में लागू होते हैं।

टिप्पणी

  1. शब्द और संगीत स्टीफन पी. शैंक द्वारा (देखें फ़्रेन्ड, फरवरी 2020, 27; यह भी देखें स्तुतिगीत—घर और गिरजे के लिए, सं. 1004)।