यीशु मसीह
जीवित मसीह


जीवित मसीह

प्रेरितों की गवाही

जब हम दो हजार वर्ष पूर्व यीशु मसीह के जन्म का स्मरणोत्सव मनाते हैं, तो हम उसके अद्वितीय जीवन और उसके महान प्रायश्चितकारी बलिदान की अनंत पवित्रता के प्रति अपनी गवाही देते हैं। इस पृथ्वी पर जो जिये हैं और अभी जियेंगे उन सब पर किसी अन्य का इतना गहरा प्रभाव नहीं पड़ा।

वह पुराने नियम का महान यहोवा था नये नियम का मसीहा। अपने पिता के निर्देशानुसार वह इस पृथ्वी का सृष्टिकर्ता था। “सब कुछ उसी के द्वारा उत्पत्र हुआ और जो कुछ उत्पत्र हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पत्र न हुई” (यूहत्रा १:३)। निषपापी होने पर भी, उसने सारी धार्मिकता को पूरा करने के लिए बपतिस्मा लिया था। वह “भलाई करता था” (प्रेरितों के काम १०:३८), फिर भी इसके कारण उसका तिरस्कार किया गया। उसका सुसमाचार शान्ति और सदूभावना का संदेश था। उसने सबसे गंभीरतापूर्वक कहा कि वे उसके उदाहरण पर चलें। वह फिलस्तीन की सड़कों पर चलते हुए बीमारों को चंगा करता था, अन्धों को दृष्टि दान देता था, और मरे हुओं को जीवित करता था। वह अनन्तता की सच्चाइयाँ, हमारे नाशवान जीवन से पहले की वास्तविकता, पृथ्वी पर हमारे जीवन का उद्देश्य, और आने वाले जीवन में परमेश्वर के बेटे और बेटियों के लिए संभावनाओं की शिक्षा देता था।

उसने प्रभुभोज अपने महान प्रायश्चितकारी बलिदान के स्मारक के रूप में शुरू किया। उसे झूठे आरोपों के आधार पर बंदी बनाया गया और निन्दित किया गया और एक भीड़ को संतुष्ट करने के लिए अपराधी सिद्ध किया गया, और क्लवरी की सूली पर मरने की सजा दी गई। उसने सारी मानवजाति के पापों का प्रायश्चित करने के लिए अपना जीवन दिया। वह यह उसका उन सबकी ओर से जो कभी पृथ्वी पर रहे एक महान प्रतिनिधिक उपहार था।

हम सन्यनिष्ठा से गवाही देते हैं कि उसका जीवन, जो सारे मनुष्य इतिहास में केन्द्रीय हैं न ही बैतलहम से शुरू हुआ और न ही क्लवरी पर समाप्त हुआ। वह पिता का पहलौठा पुत्र था, शरीर रूप में इकलौता प्रिय पुत्र दुनिया का मुक्तिदाता।

“जो सो गए हैं, उनमें पहिला फल बनने के लिए” वह क्रब से जी उठा (१ कुरिन्थियों १५:२०)। पुनर्जीवित प्रभु के रूप में वह उनके बीच में गया जिनको वह अपने जीवन में प्यार करता था। प्राचीन अमेरिका में भी उसने अपनी “दूसरी भेड़ों” (यूहत्रा १०:१६) का आत्मिक मार्गदर्शन किया। आधुनिक दुनिया में वह और उसके पिता बालक जोसफ स्मिथ को, “समय के पूरे होने के प्रबन्ध” के पुराने वचन में प्रवेश करने के लिए प्रकट हुए थे (इफिसियों १:१०)।

जीवित मसीह के बारे में, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ ने लिखा था: उसकी आँखें ऐसी थी जैसे आग का शोला हो उसके सिर के बाल पवित्र बर्फ की तरह श्वेत थे; उसका चेहरा सूरज की चमक से ज़्यादा चमकदार था; और उसकी आवाज ऐसी थी जैसे विशाल पानियों के दौड़ने की ध्वनि, बल्कि यहोवा की यह कहती, आवाज:

वही पहला और आखिरी है, कि वह जीवित है, वह मार दिया गया था, और वह पिता के पास हमारा वकील है।” (सि. और शर्त. ११०:३‐४)।

भविष्यवक्ता ने यह घोषणा भी की कि अब जब कि उद्धारकर्त्ता के बारे में बहुत गवाहियाँ दी जा चुकी हैं, यह उसकी गवाही सबसे आखिरी है: कि उद्धारकर्त्ता जीवित है।

क्योंकि भविष्यवक्ता ने उसे परमेश्वर के दाहिने हाथ पर देखा और एक आवाज का लेख रखते सुना कि वह पिता का इकलौता प्रिय पुत्र है—

कि उसके द्वारा, और उसके माध्यम से और उससे इन दुनियाओं की सृष्टि हुई है और हुई थी और उनके निवासी परमेश्वर के प्रिय बेटे और बेटियाँ हैं (सि. और. शर्त. ७६:२२‐२४)।

हम गंभीरतापूर्वक घोषणा करते हैं कि उसकी पुरोहिती और उसका गिरजाघर पृथ्वी पर पुनः स्थापित हो गया है.. “प्रेरितों और भविष्यवक्ताओं की नींव पर, जिसके कोने का पत्थर यीशु मसीह आप ही हैं (इफिसियों २:२०)।

हम गवाही देते है कि वह किसी दिन पृथ्वी पर वापस आएगा। “तब प्रभु का तेज प्रगट होगा और सब प्राणी उसको एक संग देखेंगे” (यशायाह ४०:५)। वह राजाओं के राजा की तरह शासन करेगा और प्रभुओं के प्रभु की तरह राज्य करेगा और उपासना करने के लिए उसके सामने हर घुटना झुकेगा और हर ज़बान बोलेगी। हम में से प्रत्येक का न्याय अपने कर्मो और दिल की इच्छाओं के आधार पर किया जायेगा।

हम उसके सम्यक तौर पर नियोजित प्रेरितों के रूप में गवाही देते हैं… कि यीशु जीवित मसीह हैं, परमेश्वर का अमर बेटा। वह महान राजा इम्मानूएल हैं, जो आज अपने पिता के दाहिने हाथ पर खड़ा हैं। वह दुनिया का प्रकाश, जीवन और आशा हैं। उसका रास्ता वह पथ है जो इस जीवन में खुशी की ओर ले जाता है और आने वाली दुनिया में अनन्त जीवन की ओर ले जाता हैं। अपने दिव्य बेटे के अद्वितीय उपहार के लिए परमेश्वर का धन्यवाद है।

प्रथम अध्यक्षताा

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१ जनवरी, २०००

बारह की परिषदू

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